Name: Dr. Vishnu Saxena( poet )
Father: Shri.(Late) N.P.Saxena
Mother: Smt.(Late) Sarala Devi
Spouse: Mrs. Vandana Saxena
Sons: Saransh, Chitransh
Birth Place: Vill.-Sahadat pur, Sikandra Rao, (Aligarh) U.P.
Education: B.A.M.S.( Rajasthan University, Jaipur)
Cassette- ‘Shankh Aur Deep’,‘Prem Kavita’,‘Tumhare Liye’(CD).
Books- ‘Madhuvan Mile Na Mile’,‘Aastha Ka Shikhar’(script),
‘Khushbu Lutata Hu Main’, Swar Ahasanson ke’
'Lokpriyta ke Shikhar Geet'
Abroad- Oman-1995;
Israel-1997;
Thailand-2000,2006;
America-1997,2001,2003, 2011;
Nepal-2004;
Dubai-2004,2005,2007,2008,2009,2010,2011;
Hongkong-2007- 2009;
T&T-2009;
England-2009.
Songs from the heart
Official website
हिन्दी की आज वाली पीढी में विष्णु अकेला ऐसा गीतकार है जिसे अगर किसी ने एक बार बार भी समग्र एकता के साथ सुन लिया तो वह रोगी होकर ही रहेगा या उसका कोई प्राचीन-अर्वाचीन ‘प्रेम रोग’ नये सिरे से जाग उठेगा। क्षमा करें, मैंने विष्णु को सदैव तृप्ति की चाह के साथ सुना है पर एक चिरंतन अतृप्ति लेकर मुझे आगे चलना पडा है।
- कवि श्री बालकवि बैरागी
कुछ समय से पिछली पीढी के लोकप्रिय गीतकारों में से कुछ के दिवंगत हो जाने और कुछ के मौन हो जाने के कारण ऐसा लगा था कि हास्य रस प्रधान कविताओं की बाढ में गीत जीवित नहीं रह सकेगा लेकिन विष्णु के मंच पर आगमन से यह आस्था फिर बलवती होने लगी है कि गीत तो अस्तित्व का नवनीत है।
- पद्म भूषण गोपाल दास नीरज
डा. विष्णु सक्सैना के गीत कथ्य की दृष्टि से बडे ही महत्वपूर्ण हैं, कल्पनाशीलताकी सौन्दर्यमयी छटा के भी दर्शन उनके गीतों में जगह-जगह होते हैं। वे रस के गीतकार हैं,सौन्दर्य के कवि हैं प्रेम के पुजारी हैं। डा. विष्णु सक्सैना ‘सौ टँच’ गीतकार हैं क्यों कि उनके लिये गीत की सृष्टि केवल गीत की सृष्टि ही नही वरन सृष्टि का गीत भी है।
-- गीतकार डा. कुँवर बेचैन
डा. हरिवंश राय बच्चन की सातवीं पीढी के लोकप्रिय गीत कार डा. विष्णु सक्सैना विगत वर्षों के गीत जगत के नवनीत हैं। इतने समय में किसी रचनाकार ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त नही की। एक लयवंत रचनाकार के रूप में इनकी पहचान बहुत समय तक बनी रहेगी।
-- गीतकार सोम ठाकुर
डा. विष्णु सक्सैना के गीतों में प्रेम की विभिन्न मन:स्थितियों की सबल भावों के साथ लयात्मक अभिव्यक्ति है। यह मीठा सा युवा गीतकार अपने गीतों की ताज़गी के माध्यम से देश के वरिष्ठ गीतकारों सर्वश्री नीरज, भारत भूषण, महेश्वर तिवारी, सोम ठाकुर, रमानाथ अवस्थी, कुँवर बेचैन, राजेन्द्र राजन की परम्परा में महत्वपूर्ण उपस्थिति के साथ सम्मिलित होता है। -- ओज कवि डा. हरिओम पँवार